बैकारट: एक आदर्श और भाग्य का खेल
बैकारट: एक आदर्श और भाग्य का खेल
बैकारट, जिसे भारतीय जनता में पहले से ही पसंद किया जाता है, एक आदर्श और भाग्य का खेल है। इस खेल को खेलने के लिए कोई विशेष तकनीक या ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती है, जिसके कारण यह एक लोकप्रिय मनोरंजन का साधन बन गया है। इसके अलावा, इस खेल की शानदारता और शोभा ने इसे एक उच्च वर्ग के लोगों का पसंदीदा खेल बना दिया है।
बैकारट का इतिहास बहुत पुराना है। इसे पहली बार 19वीं सदी में फ्रांस में खेला जाता था। इसके बाद, यह खेल यूरोप में व्यापक रूप से प्रसारित हुआ और वहां के लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध हुआ। आजकल, यह खेल विश्वभर में खेला जाता है और कैसीनो में एक प्रमुख खेल है।
बैकारट का खेलने का तरीका बहुत सरल है। इसमें दो बट्टियां होती हैं – एक प्लेयर बट्टी और एक बैंकर बट्टी। खेल की शुरुआत में, प्लेयर और बैंकर के पास दो-दो कार्ड होते हैं। इन कार्डों की मान्यता के आधार पर, खिलाड़ी या बैंकर को एक या दो कार्ड और ले सकते हैं या नहीं। इसके बाद, खिलाड़ी और बैंकर के कार्डों की मान्यता को जोड़कर, जिसका परिणाम 9 या 9 के करीब होता है, वही जीतता है।
बैकारट का खेलने का एक और रुझानदार तरीका